Tuesday, May 21, 2024
- कालाजार उन्मूलन के लिए छिड़काव जरूरी - डाॅ. एएन ठाकुर
सौरभ पाण्डेय की रिपोर्ट
कुशीनगर (पूर्वांचल), जीपीएन न्यूज। कालाजार उन्मूलन के लिए छिड़काव जरूरी है। इसके लिए क्षेत्र के कालाजार प्रभावित दो गाँवों में दूसरे चरण में सघन छिड़काव कराया जाएगा। उक्त बातें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र फाजिल नगर पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डाॅ एएन ठाकुर ने कही। उन्होंने कहा कि कालाजार उन्मूलन के लिए शासन व स्वास्थ्य विभाग गंभीर है। चिकित्सक संजय यादव ने कहा कि कालाजार उन्मूलन के लिए दूसरे चरण का आईआरएस (अंदुरूनी अवशिष्ट छिड़काव) शुरू होगा। इससे पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से जुड़े स्वास्थ्य कर्मियों, आशा कार्यकर्ताओं, संगिनियों व छिड़काव में लगने वाले श्रमिकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मी जब छिड़काव के लिए प्रभावित गाँवों में जाय तो समुचित रूप से छिड़काव के सबंधित ग्राम पंचायतों प्रतिनिधियों एवं अन्य विभागीय कर्मियों से भी सहयोग लिया जाए। डब्ल्यूएचओ के जोनल को आर्डिनेटर डाॅ. सागर घोडेकर ने कहा कि दूसरे चरण के छिड़काव के लिए सभी कर्मी छिड़काव के तौर तरीके को अच्छी तरह से जान लें उसके हिसाब से सावधानी पूर्वक छिड़काव करें। छिड़काव शौचालयों एवं गोशाला में छह फीट की ऊंचाई तक करना है। मलेरिया निरीक्षक एमएन शुक्ला ने कहा कि छिड़काव के लिए प्रत्येक टीम में छह छिड़काव कर्मी लगाए जाते हैं। वेक्टर जनित रोग नियंत्रण के लिए अल्फ़ा साईपर मेथरीन 5 % दवा का छिड़काव कराया जाएगा। कार्यक्रम को पीसीआई के कंसल्टेंट एसएन पांडेय ने भी संबोधित किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में राघवेन्द्र तिवारी, प्रशांत शर्मा, बालकरन सिंह, विकास सिंह, शिवदत्त सिंह( सभी बीएचडब्लू) आशा, संगिनी न एएनएम में नीलम तिवारी, ममता सिंह, सुनीता देवी, चाँदकली, दुर्गावती, बिन्दु, नीतु, रामकेश्वर, राहुल यादव, धर्मराज, चन्द्र यादव व दिनेश यादव प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
गोशाला व शौचालयों में भी कराया जाएगा छिड़कावड
ब्ल्यूएचओ के जोनल कोर्डिनेटर डाॅ.सागर घोडेकर ने बताया कि कालाजार से बचाव के लिए घरों, शौचालयों तथा गोशाला में भी छिड़काव कराया जाएगा। छिड़काव करीब 6 फीट की ऊंचाई तक कच्चे घरों,अंधेरे व नमी वाले स्थानों पर विशेष तौर पर कराया जाएगा।
क्या है कालाजार
कालाजर बालू मक्खी से फैलने वाली बीमारी है। यह मक्खी नमी वाले स्थानों व अंधेरे में पायी जाती है। इस मक्खी के काटने से मरीज बीमार हो जाता है। उसे रूक रूक कर बुखार चढ़ता उतरता है। इस बीमारी से मरीज का पेट फुल जाता है। भूख कम लगती है। शरीर काला पड़ जाता है। लक्षण दिखने पर मरीज को तत्काल चिकित्सक से दिखाना चाहिए।
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